राढ़ बंगला व संथाली भाषी बहुल ईचागढ़ विधानसभा में भाजपा के कार्यक्रम में कहाँ से आई थी भोजपुरी, मगही और हिंदी भाषी लोगों की भीड़
चांडिल। मंगलवार को चांडिल अनुमंडल कार्यालय के बगल में स्थित रिसोर्ट में भाजपा का कार्यक्रम था। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी शामिल हुए। उन्होंने जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान यहां कई नेताओं ने भाजपा का सदस्यता ग्रहण किया। पर, यहां कार्यक्रम में आश्चर्यजनक दृश्य देखने को मिला। कार्यक्रम में आए हुए अधिकांश लोग भोजपुरी, मगही और हिंदी भाषी थे। डैम रोड पर वाहनों के जाम के कारण कार्यक्रम में शामिल होने वाले लोगों ने अपने वाहनों को कार्यक्रम स्थल से करीब एक किलोमीटर दूर पर खड़ा किया था, जहां से कार्यक्रम स्थल तक पैदल जाना पड़ा। इस दौरान पैदल चलते हुए अधिकांश लोग आपस में भोजपुरी, मगही और हिंदी भाषा में बात कर रहे थे। हैरानी हुई कि राढ़ बंगला तथा संथाली भाषा बहुल ईचागढ़ विधानसभा में इतनी बड़ी तादाद में भोजपुरी, मगही और हिंदी भाषी लोग कहां से आ पहुंचे थे। ईचागढ़ विधानसभा के 98% प्रतिशत लोग राढ़ बंगला तथा संथाली भाषा का उपयोग करते हैं। यहां भोजपुरी तथा मगही भाषी लोग बिल्कुल नहीं है। वहीं, चांडिल बाजार तथा कपाली क्षेत्र में रहने वाले काफी कम संख्या में हिंदी भाषी हैं।
इस बात को समझने के लिए भाजपा के कुछ नेताओं तथा कार्यकर्ताओं से जानकारी मिली तथा पूरे कार्यक्रम का पड़ताल किया गया। पता चला है कि भाजपा के कार्यक्रम में आदित्यपुर, गम्हरिया, टेल्को, मानगो, बागबेड़ा, जुगसलाई, मनिफिट आदि क्षेत्रों से गाड़ियों में भर भरकर लोग आए थे। बताया जाता है कि केवल आदित्यपुर व गम्हरिया क्षेत्र से करीब 300 वाहन पर सवार होकर लोग कार्यक्रम में शामिल होने आए थे। वहीं, टेल्को, बागबेड़ा, मानगो, जुगसलाई, मनिफिट आदि क्षेत्रों से करीब 200 से अधिक वाहन शामिल थे। अनुमान लगाया जा रहा है कि इन क्षेत्रों से आए हुए लोग ही भोजपुरी, मगही और हिंदी भाषी थे। जबकि भाजपा के कार्यक्रम में ईचागढ़ विधानसभा के राढ़ बंगला तथा संथाली भाषी लोगों की संख्या काफी कम रही। ईचागढ़ भाजपा के कार्यक्रम में ऐसा पहली बार हुआ, जहां स्थानीय लोगों की मौजूदगी कम रही और दूसरे क्षेत्रों की संख्या अधिक रही।
नेता प्रतिपक्ष, सांसद व प्रदेश महामंत्री नहीं हुए शामिल
मंगलवार को भाजपा द्वारा आयोजित कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए खूब तैयारी की गई थी। इसके लिए प्रचार प्रसार भी किया गया था। पर, कार्यक्रम में जिन नेताओं के शामिल होने का प्रचार किया गया था, वे शामिल नहीं हुए। इससे प्रदेश भाजपा के मौजूदा स्थिति पर सवाल खड़े हो रहे हैं। क्या प्रदेश स्तर पर भाजपा संगठन में सबकुछ ठीक नहीं है? चांडिल के कार्यक्रम में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, नेता प्रतिपक्ष एवं चंदनकियारी विधायक अमर बाउरी, रांची सांसद संजय सेठ, भाजपा प्रदेश महामंत्री प्रदीप वर्मा आदि के शामिल होने का प्रचार किया था। इसके लिए आयोजक एवं निवेदक ने बाकायदा निमंत्रण पत्र तथा पम्पलेट बंटवाया था। लेकिन, यहां कार्यक्रम में बड़े नेताओं में केवल बाबूलाल मरांडी ही शामिल हुए। बाकी नेताओं ने कार्यक्रम में शिरकत क्यों नहीं की, यह चर्चा का विषय बना हुआ है। सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या कार्यक्रम के प्रचार प्रसार से पूर्व सभी नेताओं की सहमति नहीं ली गई थी। यह महज संयोग नहीं हो सकता है कि एक साथ तीन नेताओं – नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी, सांसद संजय सेठ और प्रदेश महामंत्री प्रदीप वर्मा तीनों ने कार्यक्रम से दूरी बना लिया।