विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए समाजसेवी सुखराम हेम्ब्रम ने ठोंकी ताल, कहा – जनता की मांग स्थानीय जनप्रतिनिधि
आंदोलनकारियों के सम्मान के लिए हमें स्वयं नेतृत्व करना होगा : सुखराम हेम्ब्रम
चांडिल। झारखंड मुक्ति मोर्चा के पूर्व जिला सचिव का अपने पार्टी से मोह भंग हो चुका है। ऐसा माना जा रहा है कि झामुमो के ईचागढ़ विधायक सविता महतो की कार्यशैली और उपेक्षित कार्यकर्ताओं में काफी नाराजगी है। समय की सुकुमारता को देखते हुए अब सुखराम हेम्ब्रम ने ईचागढ़ विधानसभा से चुनाव लड़ने की तैयारी शुरू कर दी है। झामुमो के एक साधारण कार्यकर्ता से चार बार सरायकेला खरसावां जिला के सचिव पद को बखूबी निभा चुके सुखराम हेम्ब्रम ने विधानसभा चुनाव का ताल ठोक दिया है। अब वह लगातार क्षेत्र में सक्रिय हैं और कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं। सुखराम हेम्ब्रम का कहना है कि जनता की मांग है कि वे चुनाव लड़े। जनता का कहना है कि ईचागढ़ विधानसभा में स्थानीय जनप्रतिनिधि के हाथों नेतृत्व मिलेगा तो क्षेत्र का विकास संभव है। सुखराम हेम्ब्रम ने बताया कि ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र के आंदोलनकारी, सामाजिक कार्यकर्ता, बुद्धिजीवी आदि अपने 30 – 35 वर्ष के राजनीतिक अनुभव को लेकर मंथन किया है, इसके बाद ही कहा है कि जब तक स्थानीय जनप्रतिनिधि के हाथों नेतृत्व नहीं सौंपा जाएगा, तब तक क्षेत्र के गरीब, शोषित, पीड़ित जनता को न्याय नहीं मिल सकता है।
पिछले दिनों मंगलवार को नीमडीह प्रखंड के आदारडीह में प्रखंड स्तरीय सामाजिक कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित किया गया था, जहां बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ी थी। इस सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि समाजसेवी सुखराम हेम्ब्रम शामिल थे। इस अवसर पर ग्रामीणों ने जोरदार ढंग से सुखराम हेम्ब्रम का स्वागत किया। मौके पर ग्रामीणों ने कहा कि वर्तमान समय में ईचागढ़ विधानसभा की जो दयनीय हालत है, इसके लिए हम स्वयं जिम्मेदार हैं। क्योंकि हम ग्रामीणों ने ही 30 – 35 वर्ष से मतदान देकर बाहरी विधायक को चुनने का काम किए हैं।ग्रामीणों ने कहा हमें सुखराम हेम्ब्रम जैसे समाजसेवी की जरूरत है जो हर सुख दुख में सहयोग करते हैं। दिन रात हमारे साथ खड़े हैं, ऐसे ही स्थानीय समाजसेवी से हमारे क्षेत्र का विकास संभव है। इस अवसर पर सुखराम हेम्ब्रम ने अपने संबोधन में कहा कि यदि जनता की इच्छा है कि मै चुनाव लड़ूं तो निश्चित तौर पर चुनाव लड़ने के तैयार हूँ। उन्होंने कहा कि पिछले 30 – 35 वर्ष में ईचागढ़ विधानसभा में जो काम कोई नहीं कर पाया है, वह करके दिखा सकते हैं।
इससे पहले बीते सोमवार को भी कुकडू प्रखंड के हाई तिरुल में सामाजिक कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित किया था, जहां बड़ी भीड़ जुटी थी। हाई तिरुल में आयोजित सम्मेलन में सुखराम हेम्ब्रम ने क्षेत्र के विभिन्न समस्याओं के समाधान को लेकर विचार विमर्श किया था। वहीं, गत बुधवार को ईचागढ़ प्रखंड के गौरांगकोचा स्थित मांझी बाबा भवन में विधानसभा स्तरीय कार्यकर्ता विस्तारीकरण अभियान हेतु सभा का आयोजन किया गया था। इस सभा में झारखंड आंदोलनकारियों के सम्मान को लेकर विचार विमर्श किया गया।
सभा को संबोधित करते हुए सुखराम हेम्ब्रम ने कहा कि झारखंड आंदोलन में शामिल क्रांतिकारियों को आज तक सम्मान नहीं मिलना दुर्भाग्यपूर्ण है। हमें भी अपना हक, अधिकार और सम्मान चाहिए। ईचागढ़ के जनप्रतिनिधि चाहें तो झारखंड आंदोलनकारियों को चिन्हित करके पेंशन के रूप में सम्मान दिला सकती हैं। उन्होंने कहा कि हम आंदोलनकारियों ने अलग झारखंड की लड़ाई में संघर्ष किया है, त्याग और बलिदान दिया है। वृद्धापेंशन, विकलांग पेंशन, विधवा पेंशन के रूप में हजार रुपये दिए जा रहे हैं तो आंदोलनकारियों को पांच हजार रुपये का पेंशन सम्मान स्वरूप क्यों नहीं मिल सकता है। सुखराम हेम्ब्रम ने कहा कि झारखंड आंदोलनकारियों की पीड़ा को ईचागढ़ के जनप्रतिनिधि गंभीरता से नहीं लिया। इसके कारण आंदोलनकारियों को उचित सम्मान नहीं मिला। उन्होंने कहा कि आंदोलनकारियों के सम्मान के लिए हमें स्वयं नेतृत्व करना होगा और सदन के पटल पर जोरदार ढंग से अपनी मांगों को रखना होगा, तभी हमें सम्मान मिलेगा और क्षेत्र का विकास होगा। इस दौरान सभा में मौजूद सभी लोगों ने एक स्वर में आगामी विधानसभा चुनाव में समाजसेवी सुखराम हेम्ब्रम को समर्थन देने की घोषणा की।
इस मौके पर मांझी महाल पारगाना रामेश्वर बेसरा, पिट पारगना शिलू सारना, धनेश्वर मुर्मू, डॉक्टर गणेश टुडू, मजनु मुर्मू, ग्रामप्रधान कालीराम बेसरा, भुवन सिंह मुंडा, मुखिया सानीक मांझी, दिवाकर कैवर्त, धन सिंह लायक, सुधीर गोप, दिवाकर उरांव, पुइतु उरांव, सिधु सिंह मुंडा, कालीचरण धीवर, दुबराज बेसरा, डोमन नायक आदि मौजूद थे।