चांडिल : पूर्व सीएम के मामा समेत कई झामुमो नेताओं ने कांग्रेस प्रत्याशी यशस्वी सहाय से बनाई दूरी, नहीं पहुंचे कार्यालय उद्घाटन में तो शुरू हो गई गुटबाजी की चर्चा
चांडिल। रांची लोकसभा चुनाव के लिए अधिसूचना जारी होने के साथ ही प्रत्याशियों ने भी नामांकन दाखिल करने की तैयारी शुरू कर दी है। वहीं, लोकसभा क्षेत्र के विभिन्न विधानसभा एवं प्रखंडों में कार्यालय खोलने का सिलसिला शुरू हो चुका है। इसी कड़ी में आज चांडिल डैम रोड स्थित सनसिटी कॉलोनी में कांग्रेस का चुनावी कार्यालय खोला गया। यहां रांची लोकसभा के कांग्रेस प्रत्याशी यशस्वी सहाय चांडिल पहुंची थी। वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय, विधायक सविता महतो, झामुमो केंद्रीय प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य, जिलाध्यक्ष डॉ सुभेन्दू महतो समेत कई झामुमो, कांग्रेस व राजद के कार्यकर्ता मौजूद थे।
कार्यालय उद्घाटन के मौके पर झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने दावा किया है कि सरायकेला – खरसावां जिले में इंडिया गठबंधन काफी मजबूत है और रांची लोकसभा समेत खूंटी और सिंहभूम सीट पर इंडिया गठबंधन बड़ी जीत हासिल करेगी। उन्होंने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि रांची लोकसभा में इंडिया गठबंधन प्रत्याशी यशस्वी सहाय की जीत सुनिश्चित करने के लिए गठबंधन के सभी दलों ने कमर कस ली है। सुप्रीमो भट्टाचार्य ने कहा कि भाजपा मुंगेरीलाल के हंसीन सपने देखना बंद करें, रांची लोकसभा से भाजपा तड़ीपार होने जा रही हैं। उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन राज्य के स्थानीय मुद्दों के साथ साथ राष्ट्रीय मुद्दों पर चुनाव लड़ रही हैं। संविधान की रक्षा, आदिवासियों की रक्षा, लोकतंत्र की रक्षा के लिए इंडिया गठबंधन यह चुनाव लड़ रही हैं। वहीं, विधायक सविता महतो ने भी रांची लोकसभा से कांग्रेस प्रत्याशी यशस्वी सहाय की जीत का दावा किया है।
पर, भले ही इंडिया गठबंधन के नेतागण जीत का दंभ भर रहे हों लेकिन धरातल की वास्तविकता कुछ ठीक नहीं है। आज विधानसभा स्तरीय कार्यालय उद्घाटन के मौके पर ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र के वैसे चेहरे नदारद थे, जो विधानसभा क्षेत्र की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। आज कांग्रेस (इंडिया गठबंधन) के कार्यालय उद्घाटन में पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के मामा झामुमो केंद्रीय सदस्य चारु चांद किस्कू, झामुमो के वरिष्ठ नेता सुखराम हेम्ब्रम, पूर्व केंद्रीय सदस्य तरुण डे, झामुमो जिला सचिव बुद्धेश्वर मार्डी समेत कई नेता और कार्यकर्ताओं की अनुपस्थिति यह दर्शाता है कि ईचागढ़ विधानसभा झामुमो के अंदर गुटबाजी की आग धधक रही हैं। आज दिग्गज नेताओं की अनुपस्थिति को लेकर भले ही यह कहा जा रहा था कि वे दूसरे कार्यक्रम में व्यस्त होने के कारण कार्यालय उद्घाटन में नहीं आए लेकिन महज यह संयोग नहीं हो सकता है कि एकसाथ दर्जनभर दिग्गज नेता विधानसभा स्तरीय कार्यालय उद्घाटन समारोह से नदारद रहे। कार्यालय उद्घाटन के मौके पर झामुमो के प्रभावशाली नेताओं के अनुपस्थिति से गुटबाजी को लेकर चर्चा शुरू हो गई हैं।
ईचागढ़ विधानसभा में झामुमो के नाव पर सवार है कांग्रेस
ईचागढ़ विधानसभा में कांग्रेस संगठन काफी कमजोर है, जबकि झामुमो संगठन काफी मजबूत है। ईचागढ़ से झामुमो का विधायक भी है, इस लिहाज से संगठन मजबूत होना स्वाभाविक है। इस लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने रांची लोकसभा से अपना प्रत्याशी घोषित किया है। ईचागढ़ विधानसभा भी रांची लोकसभा का हिस्सा है। यहां कांग्रेस को झामुमो के नाव पर सवार होकर ही चुनाव लड़ना होगा। पर, ईचागढ़ झामुमो में गुटबाजी हावी है। एक तरफ विधायक सविता महतो हैं तो दूसरी ओर वैसे दिग्गजों की टीम हैं जो संगठन में अच्छी खासी पकड़ रखते हैं। 2019 विधानसभा चुनाव के बाद दिग्गजों को तरजीह नहीं देने से दिग्गजों ने विधायक से दूरी बना लिया हैं। अनेकों कार्यक्रम में झामुमो के गुटबाजी की झलक देखने को मिल जाती हैं। ऐसे में जब झामुमो स्वयं गुटबाजी की शिकार हो चुकी हैं तो इंडिया गठबंधन कितनी मजबूती से चुनाव लड़ेगी, इसका आकलन करना बहुत आसान है। हां इसमें कोई दोराय नहीं है कि इंडिया गठबंधन मजबूत होना असंभव है लेकिन उसके लिए समय रहते झामुमो की गुटबाजी को पाटने की जरूरत है।