जमशेदपुर। एक तरफ भाजपा झारखंड में आगामी लोकसभा की सभी सीटों पर कब्जा जमाने की रणनीति तैयार कर रही हैं। इस साल के अंत में होने वाली विधानसभा चुनाव में भी हेमंत सरकार का साम्राज्य ध्वस्त करने की योजना बना रही हैं। वहीं, दूसरी ओर अपने ही संगठन के भीतर बिखराव, टकराव और गुटबाजी से परेशान हैं। हाल ही में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने प्रदेश संगठन का विस्तार किया है, जिसपर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। बाबूलाल मरांडी ने सरायकेला – खरसावां जिला को ठेंगा दिखा दिया है। यहां से किसी को भी प्रदेश संगठन में स्थान नहीं दी गई हैं। यह और बात है कि भाजपा के अनुषंगी इकाइयों में से किसी इकाई में सरायकेला – खरसावां को प्रमुख स्थान दिया जा सकता है लेकिन अबतक भाजपा मदर विंग में सरायकेला – खरसावां जिला का कोई स्थान नहीं है। हालांकि, यह भाजपा आलाकमान की अपनी रणनीति हो सकती हैं कि किस जिले को किस नजरिए से देख रही हैं। लेकिन इन दिनों सरायकेला – खरसावां जिले में भाजपा के अंदर चल रही गुटबाजी पर लगाम कसने में आला कमान नाकाम साबित हो रही हैं। विशेष रूप से जिले के ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र में पार्टी की गुटबाजी चरम पर है। पार्टी नेताओं की आपसी प्रतिस्पर्धा इस हद तक आ चुकी हैं कि अब खुलेआम मारपीट शुरू हो गई हैं।
बीते बुधवार शाम को जिस तरह से बिनोद राय और समर्थकों ने अपने ही पार्टी के एक कार्यकर्ता की जमकर पिटाई कर दी है, उसके बाद से ही ईचागढ़ विधानसभा में चर्चाओं का बाजार गर्म है। यहां सारथी महतो समर्थक गुरुचरण महंती ने चांडिल थाना में बिनोद राय, आकाश महतो, छोटू समेत अन्य 12 अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। गुरुचरण महंती ने अपने शिकायत में कहा है कि चांडिल के बामुनडीह में बिनोद राय, आकाश महतो व छोटू समेत अन्य लोगों ने उसके साथ मारपीट, पर्स छिनतई व जान से मारने की धमकी दी है। वहीं, रायफल तानकर मारने का प्रयास का आरोप लगाया है। उक्त शिकायत के आधार पर चांडिल पुलिस ने तत्काल भाजपा युवा मोर्चा जिला महामंत्री आकाश महतो को गिरफ्तार कर लिया है। गुरुवार को पुलिस आकाश महतो को जेल भेजने वाली थी कि अचानक वह बेहोश हो गया, जिसके बाद पुलिस ने उसे चांडिल अनुमंडलीय अस्पताल ले आई। जहां से बेहतर इलाज के लिए एमजीएम रेफर किया गया। पुलिस हिरासत में एमजीएम जमशेदपुर में उसे भर्ती कराया गया है।
मामले के अन्य नामजद आरोपी बिनोद राय व छोटू को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस उन्हें तलाश रही हैं। बिनोद, आकाश व छोटू के ऊपर हत्या का प्रयास, लूट समेत अन्य धाराओं के साथ मामला दर्ज किया गया है। पर, यहां आश्चर्यजनक बात यह भी है कि शाम को विनोद राय, आकाश महतो व छोटू समेत अन्य के खिलाफ मामला दर्ज कराने के तत्काल बाद ही पुलिस महकमा सक्रिय हो गई। रात को ही आकाश महतो को गिरफ्तार कर लिया जाता हैं।
एक समय हुआ करता था जब भाजपा के कद्दावर नेता स्वर्गीय साधुचरण महतो ईचागढ़ विधानसभा से विधायक हुआ करते थे। 2021 में साधुचरण महतो के निधन के बाद ही गुटबाजी बढ़ने लगी हैं। ईचागढ़ भाजपा में गुटबाजी के लिए मुख्य सूत्रधार बिनोद राय को बताया जाता है। ईचागढ़ भाजपा के समर्पित कार्यकर्ताओं का मानना है कि जेवीएम का भाजपा में विलय होने के बाद बाबूलाल मरांडी के राजनीतिक शिष्य बिनोद राय की अनुशासनहीनता व संगठन विरोधी गतिविधि ही गुटबाजी का मुख्य कारण है। पार्टी के अंदरखाने में चर्चा है कि अपने राजनीति के गॉडफादर बाबूलाल मरांडी के आशीर्वाद से ही भाजयुमो प्रदेश कार्यसमिति सदस्य बिनोद राय संगठन के नीति – सिद्धांतों के विरुद्ध काम करते हैं। इस बात को सिद्ध करने के लिए बिनोद राय ने अपने फेसबुक पेज पर भी “मैं भी बाबूलाल हूँ” का कोटेशन चस्पा दिया है। इससे पता चलता है कि कहीं न कहीं अपने राजनीतिक गॉडफादर बाबूलाल मरांडी का आशीर्वाद बिनोद राय को प्राप्त है। तभी तो वह रांची जिले (बुंडू) के होकर भी दूसरे जिले (सरायकेला – खरसावां) के ईचागढ़ विधानसभा की जमीन नाप रहे हैं। इसके पीछे तर्क दिया जाता है कि 2019 में बिनोद राय जेवीएम के टिकट पर ईचागढ़ से विधानसभा चुनाव लड़े थे, इसलिए वह ईचागढ़ में सक्रिय हैं और आगामी चुनाव के प्रबल दावेदार हैं। हालांकि, 2019 चुनाव में बिनोद राय की जमानत जब्त हो गई थी, करीब 1800 वोट ही मात्र मिले थे।
ईचागढ़ विधानसभा में भाजपा की गुटबाजी से चर्चाओं का बाजार गर्म है। यहां आगामी विधानसभा चुनाव के रूप में स्वयं को प्रबल दावेदार साबित करने की होड़ मची हुई हैं। एक तरफ पूर्व विधायक स्वर्गीय साधुचरण महतो की धर्मपत्नी सारथी महतो अपने पति के राजनीतिक विरासत को संभालने को सामने आई हैं तो दूसरी ओर भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य बिनोद राय विधानसभा टिकट झटकने के लिए संगठन के नीति – नियमों को ताक में रखकर क्षेत्र में सक्रिय हैं। इसके अलावा भाजपा के समर्पित कार्यकर्ताओं का एक गुट हैं जो संगठन सर्वोपरि के सिद्धांतों का पालन कर रहे हैं। वहीं, चांडिल के पूर्व जिला परिषद सदस्य एवं भाजपा जिला महामंत्री मधुसूदन गोराई भी एक प्रबल दावेदार की तरह मस्तमौला होकर संगठन के कार्यों को सफल बनाने के लिए सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। पर, यहां चार – पांच गुटों में आपसी सामंजस्य स्थापित कराने में भाजपा आला कमान से लेकर जिला समिति भी नाकाम है। हालांकि, सारथी महतो, मधुसूदन गोराई समेत अन्य गुटों के नेतागण सांगठनिक मुद्दों पर एक मंच पर देखे जाते हैं लेकिन उन मुद्दों पर बिनोद राय अपने समर्थकों के साथ अलग थलग रहते हैं। कई बार ऐसा भी देखा जा चुका है जब ईचागढ़ भाजपा और बिनोद राय अलग अलग कार्यक्रम आयोजित करके अपने ही पार्टी की किरकिरी करवा चुके हैं
बीते तीन सालों से अंदरूनी रूप से चल रही गुटबाजी अब सार्वजनिक रूप से सामने आ चुकी हैं। इसके कारण भाजपा सरायकेला – खरसावां जिलाध्यक्ष भी सवालों के घेरे में आ गए हैं। जिलाध्यक्ष की भूमिका पर सवाल खड़े किए जाने लगे हैं कि आखिर बिनोद राय को ईचागढ़ विधानसभा में संगठन के नियमों के विपरीत काम करने की अनुमति किसने दी है? क्या जिलाध्यक्ष के नरम रुख के कारण ही अनुशासनहीनता बढ़ रही हैं। प्रायः सोशल मीडिया पर भी आपसी टीका टिप्पणी देखने को मिल जाता है। यह सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर गृह जिला (रांची) को छोड़कर दूसरे जिले (सरायकेला) के ईचागढ़ विधानसभा में बिनोद राय को कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति किसने दी होगी? हाल फिलहाल चार दिवसीय जयदा मकर संक्रांति मेला में सहायता शिविर लगाने का मामला सामने आया है। जहां ईचागढ़ भाजपा के विरुद्ध बिनोद राय ने अपना अलग सहायता शिविर लगाया था। यह और बात है कि भाजपा पदाधिकारियों के विरोध जताने के बाद बिनोद राय ने अपने सहायता शिविर के बैनरों को बदलकर हिंदुत्ववादी बैनर लगवाए थे। लेकिन बिनोद राय एक क्षण भर के लिए भी भाजपा ईचागढ़ के शिविर में कदम नहीं रखे।