सिख समुदाय के ऊपर टिप्पणी तथा भ्रामक प्रचार करने वाले पत्रकार अभिषेक मिश्रा को TV 45 से हटाए जाने की चर्चा – इसी साल जनवरी माह में आरआईटी थाना में अभिषेक के खिलाफ जालसाजी व धोखाधड़ी का मामला दर्ज हुआ था, लगे हैं धारा 420, 120B, 406, 427, 467, 506……..
सिख समुदाय के ऊपर टिप्पणी तथा भ्रामक प्रचार करने वाले पत्रकार अभिषेक मिश्रा को TV 45 से हटाए जाने की चर्चा – इसी साल जनवरी माह में आरआईटी थाना में अभिषेक के खिलाफ जालसाजी व धोखाधड़ी का मामला दर्ज हुआ था, लगे हैं धारा 420, 120B, 406, 427, 467, 506……..
सरायकेला – खरसावां। जिले के आदित्यपुर निवासी पत्रकार अभिषेक मिश्रा को सिख समुदाय के ऊपर टिप्पणी करना तथा भ्रामक प्रचार करना महंगा पड़ रहा है। एक आजसू नेता सन्नी सिंह की शिकायत पर आदित्यपुर पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है। वहीं, दूसरी तरफ अब TV 45 चैनल ने अभिषेक मिश्रा को अपने संस्थान से बाहर का रास्ता दिखाना शुरू कर दिया है। चर्चा है कि TV 45 के प्रबंधन ने चैनल के स्वघोषित कोल्हान ब्यूरो चीफ को काम से हटा दिया।
बता दें कि TV 45 चैनल तथा न्यूज़ वेबसाइट लोक आलोक से जुड़े पत्रकार अभिषेक मिश्रा पर सिख समुदाय को बदनाम करने तथा भ्रामक प्रचार करने का आरोप लगा है। आजसू युवा संघ के सरायकेला खरसावां जिलाध्यक्ष सन्नी सिंह ने आदित्यपुर थाने में अभिषेक मिश्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया है। अभिषेक मिश्रा ने लोक आलोक वेबसाइट पर विगत गुरुवार को सुधा डेयरी के समीप स्थित आवासीय सोसायटी मोक्ष फेज – 2 में घटित मामले में सनसनी फैला दिया है, जिसमें आजसू नेता सन्नी सिंह का नाम घसीट कर भ्रामक प्रचार किया था। जबकि, उक्त कांड के एफआईआर में सन्नी सिंह का नाम भी नहीं है और न ही कहीं उसके संलिप्तता की चर्चा है।
वैसे लोक आलोक वेबसाइट के पत्रकार अभिषेक मिश्रा का विवादों से पुराना नाता है। अभिषेक मिश्रा के ऊपर सरकारी जमीन को रैयती जमीन बताकर बेचने का आरोप लगा है। यहां तक की उसके खिलाफ आरआईटी थाना में मामला दर्ज हुआ था। इसी साल जनवरी माह में अभिषेक मिश्रा के ऊपर कांड संख्या 08/2024 के तहत एफआईआर दर्ज हुआ था। 16 जनवरी 2024 को इंडियन पिनेल कोड की धारा 420, 120B, 406, 427, 467, 506 के तहत मामला दर्ज कराया गया था। फिलहाल यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है।
हाल ही में अभिषेक मिश्रा ने अपने लोक आलोक वेबसाइट पर आदित्यपुर क्षेत्र के वरिष्ठ पत्रकार संतोष कुमार समेत अन्य पत्रकारों के ऊपर झूठा लांछन लगाने का प्रयास किया था। अभिषेक मिश्रा ने गम्हरिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के गैर कानूनी ढंग से बच्चा गायब करने के मामले में आरोपियों को बचाने तथा मामले का उजागर करने वाले वरिष्ठ पत्रकारों को ही बिकाऊ साबित करने का प्रयास किया था। जबकि, मामले को उजागर करने वाले पत्रकारों की चहुंओर सराहना की गई थी। उपरोक्त जानकारी से यह स्पष्ट हो जाता है कि अभिषेक मिश्रा जैसे अनेकों लोग किन उद्देश्यों से पत्रकारिता के क्षेत्र में आते हैं और पत्रकारिता के पेशे को ही बदनाम कर देते हैं।