श्रीकृष्ण गोबिंद हरे मुरारी, हे नाथ नारायण बासुदेवा पर झूमे श्रद्धालु – चिलगु श्रीमद्भागवत कथा में निकली बाल गोपाल की झांकी
चांडिल। प्रखंड के चिलगु में आयोजित सप्ताहव्यापी सनातन धर्म सम्मेलन के तहत प्रतिदिन श्रीमद्भागवत कथा चल रही हैं। इस दौरान सोमवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालु कथा श्रवण करने को उपस्थित हुए थे। इस अवसर पर बाल गोपाल की आकर्षक झांकी निकली। कथावाचक गिरिधारी शास्त्री महाराज ने बाल कृष्ण के हर लीला का रहस्य बताया। उन्होंने बताया कि सनातन धर्म विरोधी लोग श्रीकृष्ण के बाल्यकाल के लीलाओं को अलग कहानियों के रूप में प्रस्तुत करने का दुस्साहस करते हैं जबकि बाल कन्हैया ने अपने हर लीला में मानव जाति को शिक्षा और संदेश दिया है।
उन्होंने कहा कि गोपियों के वस्त्र चुराने की लीला को सनातन विरोधी तथा अज्ञानी लोग उसे काम भोग के साथ जोड़ते हैं और प्रभु श्रीकृष्ण का अपमान करते हैं। जबकि वस्त्र चुराने की लीला में श्रीकृष्ण की आयु मात्र 6 वर्ष की थी और गोपियों की आयु भी वैसी ही थी। क्या 6 वर्ष की आयु में किसी को काम की वासना जागृत होती हैं। वस्त्र चुराने की लीला के माध्यम से श्रीकृष्ण ने नारी जाति को मर्यादा में रहने, चरित्रवान बनने तथा लज्जा रूपी श्रृंगार धारण करने की शिक्षा दी है। उन्होंने बताया कि भगवान नारायण ने ही श्रीकृष्ण अवतार में धरती पर जन्म लिया था अपने सम्पूर्ण जीवन के माध्यम से विभिन्न लीलाओं और चमत्कार से मानव समाज को ज्ञान, धर्म, न्याय, चरित्र निर्माण का मार्गदर्शन किया है।
सोमवार को श्रीमद्भागवत कथा श्रवण करने बड़ी संख्या में जुटे श्रद्धालु “श्रीकृष्ण गोबिंद हरे मुरारी, हे नाथ नारायण बासुदेवा……, हरे कृष्ण हरे राम, हरि बोल – हरि बोल आदि भजनों पर झूम उठे। वहीं, जय राधे, जय श्रीकृष्ण के जयकारों से कथा स्थल गुंजामय हुआ। सोमवार को रात्रि में आरती तथा भजन के साथ ही कथा रुद्ध हुआ। इसके बाद श्रद्धालुओं के बीच खिचड़ी प्रसाद वितरण किया गया। इस मौके पर भीम महापात्र, गोपाल कृष्ण महापात्र, दुर्योधन गोप, शिवचरण राजवार, फणीभूषन गोप, मुन्ना मोदक, गौतम धीवर, देव महापात्र, ननि गोपाल गोप, किष्टो दास, चंडी चक्रवर्ती आदि मौजूद थे।