जमशेदपुर। बजरंग सेवा संस्थान अब लौहनगरी के वैसे लोगों का अभिनंदन कार्यक्रम शुरू किया है, जिन्होंने राम जन्मभूमि के लिए 90 के दशक से संघर्ष किया है। अयोध्या जाकर आंदोलन हो, शहर में एक ईट हर घर से जुटाना हो या फिर मंदिर के लिए जनजागरण हो ऐसे अभियानों में सक्रिय भूमिका निभाने वालों का अभिनंदन किया जा रहा है। बजरंग सेवा संस्थान द्वारा शुरुआत में बंदेशंकर सिंह तथा सुमन शर्मा का अभिनंदन किया गया। संस्थान के पदाधिकारियों व सदस्यों ने दोनों कार सेवक को भगवा अंगवस्त्र ओढ़ाकर सम्मानित किया।
इस मौके पर कार सेवक बंदे शंकर सिंह ने बताया कि 1992 में अयोध्या से 100 किलोमीटर पहले ही ट्रेन से उतरकर खेतों के रास्ते अयोध्या पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि उस समय अयोध्या में बड़ी संख्या में कार सेवकों को गिरफ्तार किया गया था और गिरफ्तारी का सिलसिला जारी था। इसलिए उन्होंने अयोध्या से 100 किलोमीटर पहले ही ट्रेन से उतरकर खेतों के रास्ते पैदल यात्रा कर छिपते हुए अयोध्या पहुंचे थे। वहां खेतों के रास्ते से बड़ी संख्या में कार सेवक पहुंचे थे और करीब चार घंटे तक दीवार तोड़ने का काम किया था।
कार सेवक सुमन शर्मा ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि 1990 में अयोध्या राम जन्मभूमि के लिए आंदोलन कर रहे कार सेवकों पर गोली चलाई गई थी। कार सेवकों को गोली मारकर हत्या करते दिख रही वीडियो सुमन शर्मा को मिल गया था, जिसे उन्होंने वीसीआर में देखा था। वीडियो देखने के बाद खून उबाल में था। वीडियो देखने के बाद ही अयोध्या जाने की ठान ली थी। 29 दिसंबर 1992 को अयोध्या के लिए निकल पड़े थे। जहां अयोध्या पहुंचकर आंदोलन में शामिल हुए थे।
बजरंग सेवा संस्थान के संस्थापक सागर तिवारी ने कहा कि वंदेशंकर सिंह और सुमन शर्मा से उन्होंने मुलाक़ात की तो पता चला कि कारसेवकों का संघर्ष कितना बड़ा था। आज यदि मंदिर निर्माण हो रहा है तो केवल कार सेवकों के संघर्ष के कारण संभव हो रहा है। उन्होंने बताया कि कार सेवकों के सम्मान अभियान 22 जनवरी तक लगातार जारी रहेगा। इस मौके पर सागर तिवारी, धर्मबीर महतो, प्रदीप सिंह, राजकुमार पाठक, राकेश कुमार, सूरज तिवारी, अमित तिवारी, वैंकेट, निखिल सिंह आदि उपस्थित थे।