सरायकेला – खरसावां। भ्रामक खबर परोसने को लेकर आजसू पार्टी युवा संघ के जिलाध्यक्ष सन्नी सिंह ने लोक आलोक न्यूज़ वेबसाइट और टीवी 45 से जुड़े पत्रकार अभिषेक मिश्रा के खिलाफ एफआईआर कराया है। सन्नी सिंह ने अपने एफआईआर में सिख समुदाय और पार्टी की छवि खराब करने का आरोप लगाया है। एफआईआर दर्ज कराने के बाद ही आदित्यपुर पुलिस जांच में जुट गई हैं।
आजसू युवा संघ के जिलाध्यक्ष ओंकार सिंह उर्फ सन्नी सिंह ने वेब पोर्टल “लोक अलोक न्यूज़” से जुड़े पत्रकार अभिषेक मिश्रा उर्फ अभिषेक गौतम के खिलाफ भ्रामक खबर प्रकाशित कर अपना और अपनी पार्टी के साथ अपने कौम (सिख समुदाय) को बदनाम करने संबंधी आरोप लगाते हुए कानूनी कार्रवाई करने को लेकर आदित्यपुर थाने में मामला दर्ज कराया है। फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर ताप्तीश शुरू कर दी है।
क्या है पूरा मामला, जानें
बीते गुरुवार को सुधा डेयरी के समीप स्थित आवासीय सोसायटी मोक्ष फेज- दो के केयरटेकर राकेश सिंह के साथ कुछ लोगों ने मारपीट की घटना को अंजाम दिया था। आजसू श्रमिक प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष जसवीर सिंह उर्फ बाबू व उनके दो अन्य सहयोगियों के ऊपर मारपीट की घटना को अंजाम देने आरोप लगाया गया है। आरोप है कि जसबीर दो दिन पूर्व पानी को लेकर हुए विवाद में अपने साथियों के साथ मिलकर राकेश सिंह का अपहरण कर पूरी रात उसकी पिटाई की। पुलिस के हस्तक्षेप पर शुक्रवार की सुबह उसकी रिहाई संभव हो सकी। पुलिस ने राकेश सिंह की शिकायत पर मामला दर्ज करते हुए जसवीर सिंह बाबू, मंटू मंडल और सूरज सिंह को शुक्रवार की शाम न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। बताया जाता है कि मोक्ष फेज- 2 बिल्डर दीपक रंजन का है। दीपक रंजन आदित्य सिंडिकेट के बिल्डर राजीव रंजन सिंह के रिश्तेदार हैं।
सन्नी सिंह ने क्यों दर्ज कराया अभिषेक मिश्रा के खिलाफ मामला दर्ज
मोक्ष फेज- दो की घटना को लेकर वेब पोर्टल “लोक अलोक न्यूज़” ने पूरे प्रकरण में आजसू नेता सन्नी सिंह को घसीट दिया, जबकि सन्नी सिंह का इस केस से दूर-दूर तक कोई नाता नहीं है। ना तो एफआइआर में सन्नी सिंह का नाम दर्ज है, ना ही जेल भेजे गए कोई भी आरोपी सन्नी सिंह के रिश्तेदार हैं। हां दोनों के सम्बंध आजसू पार्टी से है जिसे वेबसाइट ने गलत ढंग से परोस दिया और आरोपियों को सन्नी सरदार (सिख समुदाय) गिरोह का सदस्य करार दे दिया। वेबसाइट ने अपने शीर्षक में लिखा है “कुख्यात सन्नी सरदार गिरोह के सदस्यों ने मोक्ष आवासीय सोसाइटी के केयरटेकर पर किया जानलेवा हमला, मारपीट कर अपहरण कर ले गया अपने साथ, पुलिस शिकायत पर वापस छोड़ा…. आगे वेबसाइट लिखता है.. “आदित्यपुर थाना क्षेत्र में जेल से छूटे अपराधियों के गिरोह का तांडव एक बार फिर देखने को मिला….. इसके बाद वेबसाइट ने सन्नी सिंह के पुराने आरोपों का इतिहास का पूरा खाका परोस दिया। साथ ही अपने खबर में पुलिस अधीक्षक की प्रतिक्रिया भी प्रसारित कर दिया है, जिसमें कहा गया है कि “एसपी मुकेश कुमार लुणायत ने थानेदार को सन्नी सरदार का आपराधिक इतिहास खंगालने का निर्देश दिया है। जबकि पुलिस अधीक्षक ने उक्त मामले में किसी तरह की कोई प्रतिक्रिया देने से इंकार किया है।
सन्नी सिंह ने बताया कि इस केस से मेरा कोई लेना-देना नहीं है बावजूद इसके जानबूझकर इस प्रकरण में मेरा नाम घसीटा गया है। साथ ही मेरे “कौम” (सिख समुदाय) को भी बदनाम किया गया है। एक ही पार्टी में होने के नाते जसबीर से परिचित होने से इंकार नहीं करता हूं मगर मेरे गिरोह का सदस्य बताना कैसी पत्रकारिता है? बीते 7 सालों में किसी भी थाने में मेरे खिलाफ न कोई मुकदमा दर्ज हुआ है ना ही मेरी शिकायत दर्ज हुई है फिर कैसे मुझे अपराधिक गिरोह का सरगना करार दे दिया गया और मैं कौन सा अपराधिक गिरोह संचालित कर रहा हूं इसे प्रमाणित किए बगैर कैसे भ्रामक खबरें छाप दी गई? उन्होंने बताया कि उक्त वेबसाइट में मुझे राजनीति की आड़ में जमीन का दलाल कहकर संबोधित किया है, जो उन्हें साबित करना होगा। आगे सन्नी ने बताया कि समाज सेवा के क्षेत्र से जुड़कर आजसू जैसी पार्टी का युवा मोर्चा का जिलाध्यक्ष हूं। मेरे साथ हजारों युवा जुड़े हैं, सभी की नजरे मुझ पर टिकी है। इस तरह के भ्रामक और तथ्यहीन खबर छापने से पहले मेरा पक्ष क्यों नहीं लिया गया ? खबर के जरिये मेरे कौम (सिख समुदाय) को कलंकित करने का दुस्साहस किया गया है। साथ ही मेरी पार्टी और मेरे सम्मान को भी ठेस पहुंचाया गया है, पुलिस यदि उक्त वेबसाइट के पत्रकार के विरुद्ध कार्रवाई नहीं करती है तो मैं कोर्ट की शरण में जाऊंगा। साथ ही उपायुक्त और जिला सूचना एवं जनसंपर्क पदाधिकारी से ऐसे तथ्यहीन और भ्रामक खबरें प्रकाशित करने वाले वेबसाइट पर प्रतिबंध लगाने की मांग करूंगा। सन्नी सिंह ने आदित्यपुर में शिकायत दर्ज कराया है, इस दौरान आजसू पार्टी के जिलाध्यक्ष सचिन महतो समेत पार्टी के कई पदाधिकारी मौजूद थे।
कौन है अभिषेक मिश्रा उर्फ अभिषेक गौतम, जानें इनके मनसूबे
बता दे कि बीते 7 जून को शार्प भारत के ब्यूरो संतोष कुमार ने गम्हरिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से गैर कानूनी तरीके से नवजात को गायब करने का एक सनसनीके मामले का खुलासा किया था, जिसे लगभग सभी प्रमुख अख़बारों, वेबसाइटों और टीवी चैनलों ने प्रमुखता से प्रकाशित और प्रसारित किया था। उक्त प्रकरण में नवजात को गायब करने वाली महिला को सामने लाने के लिए बिकाऊ रिपोर्टर बनकर संतोष कुमार ने सौदेबाजी की थी जिसका मिनट टू मिनट जिक्र उन्होंने अपने वेबसाइट शार्प भारत में किया है। संतोष कुमार की रिपोर्ट के आधार पर पुलिस- प्रशासन मुस्तैद हुई और 24 घंटे के भीतर नवजात को रिकवर कर लिया। उधर बच्चा चोर गिरोह के सदस्यों से कुछ बेशर्म मीडियाकर्मी मिले और उस ऑडियो को यह कहकर वायरल कर दिया कि खबर रोकने के एवज में पत्रकार पैसों की मांग कर रहा है, जबकि इसमें कहीं भी कोई सत्यता नहीं थी। यदि महिला सही होती तो उसे पुलिस में एफआईआर दर्ज करनी चाहिए थी, मगर महिला ने ऐसा नहीं किया। लोक आलोक न्यूज़ ने इसे प्रमुखता के साथ न केवल प्रकाशित किया बल्कि संतोष कुमार और महिला के ऑडियो को अपने वेबसाइट पर वायरल भी कराया।
अभिषेक मिश्रा और उसके पिता के खिलाफ आरआईटी थाने में सरकारी जमीन को रैयती बताकर बेचे जाने सम्बन्धी मामला भी दर्ज है, जिसमें आरोप सिद्ध होने के बाद भी पत्रकारिता की आड़ में पुलिस के आला अधिकारियों पर धौस दिखाकर खुलेआम घूम रहा है। पुलिस- प्रशासन के हर कार्यक्रम में बेधड़क आ- जा रहा है। खुद को टीवी चैनल TV 45 का ब्यूरो चीफ बताकर अधिकारियों पर रौब भी झाड़ रहा है। दरअसल अभिषेक मिश्रा को कुछ मक्कार मीडिया कर्मी गुमराह कर उसके वेबसाइट की आड़ में उसे अपराधी और ब्लैकमेलर बना रहे हैं, जिससे वह पत्रकारिता का मूलमंत्र और सिद्धांतों को भूल चुका है।