जिला खनन पदाधिकारी ने किया “नहले पर दहला” कार्रवाई, 40 हजार सीएफटी अवैध बालू को किया सीज – जमीन मालिक व भंडारण करने वालों के विरुद्ध होगा एफआईआर दर्ज
चांडिल। जिला खनन पदाधिकारी ज्योति शंकर सथपति ने आज अवैध बालू खनन और भंडारण के विरुद्ध “नहले पर दहला” कार्रवाई कर दी। बताया जा रहा है खनन पदाधिकारी ज्योति शंकर सथपति के नेतृत्व में खनन विभाग की टीम ने ईचागढ़ थाना क्षेत्र के रुगड़ी तथा पुरानडीह में 40 हजार सीएफटी बालू को सीज किया है। यहां अवैध रूप से 40 हजार सीएफटी बालू का भंडारण किया गया है, जिसकी कीमत करीब 30 लाख रुपये बताई जा रही हैं। अब अवैध बालू भंडारण किए गए जमीन के मालिक तथा भंडारण करने वालों की जानकारी जुटाने में खनन विभाग जुट गई हैं। बताया जा रहा है उक्त जमीन मालिक तथा अवैध बालू भंडारण करने वालों के विरुद्ध खनन विभाग की ओर से एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।
बता दें कि गत सोमवार को अनुमंडल पदाधिकारी ने पांच बालू लदे हाइवा को पकड़कर चौका पुलिस को सौंप दिया था, जिसपर परिवहन विभाग ने पांचों हाइवा स्व ओवरलोड बालू होने पर जुर्माना वसूला था। लेकिन, 24 घंटे बाद भी इस मामले की जानकारी जिला खनन पदाधिकारी को नहीं दी गई और वाहनों को छोड़ दिया गया है। जब उक्त मामले की जानकारी जिला खनन पदाधिकारी को हुई तो वह सीधे ईचागढ़ में छापेमारी करने के लिए निकल गए और ईचागढ़ थाना क्षेत्र के रुगड़ी व पुरानडीह में 40 हजार अवैध बालू को सीज कर लिया। इस प्रकार खनन पदाधिकारी ने “नहले पर दहला” कार्रवाई की। इस संबंध में खनन पदाधिकारी ज्योति शंकर सथपति ने बताया कि किसी भी कीमत पर अवैध खनन का कारोबार चलने नहीं दिया जाएगा। अवैध खनन और खनिज पदार्थों के भंडारण करने वालों के विरुद्ध अब कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि अवैध खनन व भंडारण के खिलाफ विभाग की छापेमारी जारी रहेगी।
अब सबसे महत्वपूर्ण सवाल यह है कि एनजीटी ने बालू खनन पर 15 अक्टूबर तक पूर्ण रूप से रोक लगाने का आदेश जारी किया है। इसके बावजूद बालू का खनन कैसे हो रहा है? क्या स्थानीय प्रशासन व पुलिस को बालू खनन की सूचना नहीं है? यदि सूचना है तो खनन और भंडारण पर लगाम कसने में क्यों नाकाम हैं? क्या स्थानीय प्रशासन व पुलिस को अवैध रूप से धड़ल्ले से चल रहे बालू खनन और भंडारण पर रोक लगाने का अधिकार नहीं है? या फिर किसी रसूकदार के दबाव में आकर पुलिस प्रशासन शांत है?
प्रतिदिन रात को सैकड़ों हाइवा से हो रही बालू की ढुलाई
ईचागढ़ तथा तिरुलडीह थाना क्षेत्र के सुवर्णरेखा नदी के विभिन्न घाटों पर बालू खनन बदस्तूर जारी है। नदी घाटों ट्रैक्टर से बालू को लाकर सुरक्षित स्थानों पर भंडारण किया जा रहा है, जिसे बाद में हाइवा से ले जाया जा रहा है। ईचागढ़ तथा तिरुलडीह क्षेत्र से बालू को जमशेदपुर, रांची, पश्चिम बंगाल तक ले जाया जा रहा है। आए दिन रात के अंधेरे में बालू लदे सैकड़ों हाइवा को विभिन्न सड़कों पर देखा जा सकता है। टाटा रांची रोड़, चांडिल – कांड्रा रोड़ समेत अन्य सड़कों के टोल प्लाजा तथा विभिन्न स्थानों पर लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज में बालू लदे हाइवा को देखा जा सकता है। हालांकि, एनजीटी के रोक लगाने से पहले जेएसएमडीसी के पास जो भंडारण किया हुआ बालू है, उसके उठाव के लिए खनन विभाग द्वारा चालान निर्गत किया जा रहा है। लेकिन, सवाल यह है कि खनन पर रोक लगाने के बाद जेएसएमडीसी के पास कितने स्थानों पर कितना मात्रा में बालू की भंडार थी और वर्तमान में कितनी है? ऐसे कई मामले खनन विभाग के सामने आए हैं, जिसमें जेएसएमडीसी के चालान पर दूसरे स्थान पर अवैध रूप से भंडारित बालू की ढुलाई की जाती हैं। वहीं, 450 सीएफटी बालू के चालान पर 500 से 700 सीएफटी बालू ढुलाई करते हुए भी पाया जा चुका है। संभवतः यह काला खेल अब भी जारी है।