सर्टिफिकेट केस मामले में समिति के अध्यक्ष नारायण गोप ने कहा – न्यायालय में मामला विचाराधीन, सुवर्णरेखा परियोजना के अधिकारियों ने नीति के विरुद्ध मनमानी करके किया था डैम का बंदोबस्ती
चांडिल। चांडिल डैम में मत्स्य पालन तथा नौका विहार संचालन कर रही चांडिल बांध मत्स्यजीवी स्वावलंबी सहकारी के ऊपर सुवर्णरेखा बहुउद्देश्यीय परियोजना द्वारा सर्टिफिकेट केस दर्ज कराया गया है। इस मामले में प्रतिक्रिया देते हुए समिति के अध्यक्ष नारायण गोप ने कहा कि सर्टिफिकेट केस होने के बाद वह न्यायालय के शरण में गए हैं, मामला न्यायालय में विचाराधीन है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के कुछ तथाकथित मान्यता प्राप्त वरिष्ठ द्वारा मामले को उछालकर विस्थापितों को बदनाम करने का प्रयास कर रहे हैं। वैसे लोग न्यायालय का अवमानना कर रहे हैं, क्योंकि जो मामला न्यायालय में विचाराधीन है, उसपर टिप्पणी करना उचित नहीं है। नारायण गोप ने कहा कि सुवर्णरेखा बहुउद्देश्यीय परियोजना के अधिकारियों ने पुनर्वास नीति के विरुद्ध मनमानी करते हुए डैम का बंदोबस्त किया था। पुनर्वास नीति के अनुसार विस्थापितों को मत्स्य पालन तथा नौका विहार परिचालन में प्राथमिकता देने की बात है। उन्होंने बताया कि अनुमंडल पदाधिकारी की अध्यक्षता में गठित कमिटी के माध्यम से समिति को नौका विहार परिचालन की स्वीकृति प्रदान की गई हैं। इसके तहत विभाग द्वारा उपलब्ध तीन बोट का संचालन किया जा रहा है। नौका विहार से प्राप्त राजस्व का शुद्ध 5 प्रतिशत राशि पर्यटन विभाग को भुगतान किया जाता है। वर्ष 2018 से प्रतिवर्ष समिति द्वारा पर्यटन विभाग को 5 प्रतिशत शुद्ध राजस्व भुगतान किया जा रहा है। जबकि 2017 में सुवर्णरेखा बहुउद्देश्यीय परियोजना ने पुनर्वास नीति के विरुद्ध बंदोबस्त किया था।
नारायण गोप ने कहा है कि कुछ तथाकथित वरिष्ठ द्वारा हमेशा विस्थापितों के काम में हस्तक्षेप करने का प्रयास किया जाता हैं। वह कोई अधिकारी या जनप्रतिनिधि नहीं है और न ही न्यायालय हैं जो कानूनी कार्यवाही का फैसला करेंगे। उन्होंने कहा कि कई फर्जी विकास पुस्तिका बनाए जाने की जानकारी मिली है। फर्जी विकास पुस्तिका ईचागढ़ प्रखंड के बाकलतोड़िया से संबंधित है। उन सभी विकास पुस्तिकाओं की जांच के लिए विभागीय मंत्री व सचिव से शिकायत की जाएगी।