चांडिल : चावलीबासा में स्वास्थ्य उपकेंद्र भवन निर्माण में बरती जा रही अनियमितता, घटिया सामग्रियों का हो रहा उपयोग
चांडिल। सरायकेला खरसावां जिले के प्रखंड के चावलीबासा में ग्रामीण विकास विभाग विशेष प्रमंडल की ओर से करीब 55. 80 लाख रुपये की लागत से स्वास्थ्य उपकेंद्र भवन का निर्माण कराया जा रहा है। परंतु, उक्त भवन निर्माण में अनियमितता बरतने तथा घटिया किस्म के सामग्रियों का उपयोग किए जाने का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि भवन निर्माण में घटिया ईंटे लगाई जा रही हैं। वहीं, निम्न स्तर की धूल मिट्टी मिलावट वाली बालू का उपयोग किया जा रहा है, जिससे भविष्य में जल्द ही उक्त भवन क्षतिग्रस्त हो सकती हैं।
इस संबंध में चावलीबासा के पूर्व पंचायत समिति सदस्य गुरुचरण साव ने भवन निर्माण कार्य कर रहे संवेदक के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। गुरुचरण साव ने बताया कि उन्होंने निर्माण कार्य का निरीक्षण किया, जिसमें उन्होंने देखा कि संवेदक द्वारा भारी अनियमितता बरती जा रही हैं। गुरुचरण साव ने कहा कि कार्यस्थल पर योजना संबंधित किसी तरह का बोर्ड नहीं लगाया गया है। वहीं, भवन के दीवार निर्माण में बांग्ला भट्ठा की बहुत ही घटिया ईंट उपयोग में लिया जा रहा है। वहीं, क्युरिंग की व्यवस्था भी नहीं है। उन्होंने बताया कि मिट्टी व पत्थर मिला हुआ बालू का उपयोग किया जा रहा है। इसके अलावा निम्न स्तर की सीमेंट और सरिया उपयोग करने की बात कही है। गुरुचरण साव ने स्वास्थ्य उपकेंद्र भवन निर्माण में हो रही धांधली को सोशल मीडिया पर भी सार्वजनिक किया है। वहीं, इस संबंध में उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा जाएगा।
उन्होंने बताया कि चावलीबासा पंचायत के अस्पताल पर दर्जनभर गांव के लोग निर्भर रहते हैं। साथ ही NH-33 के किनारे अवस्थित रहने के कारण दुर्घटना ग्रस्त मरीजों को भी यहां प्राथमिक चिकित्सा के लिए लाया जाता है। यदि गुणवत्तापूर्ण भवन निर्माण नहीं किया जाएगा तो जल्द ही भवन जर्जर हालत में तब्दील हो जाएगी। गुरुचरण साव ने बताया कि आम जनता की बहुप्रतीक्षित मांग को लेकर झारखंड सरकार द्वारा एक स्वास्थ्य उपकेंद्र निर्माण स्वीकृत किया गया है। उक्त भवन निर्माण होने के बाद पर्याप्त संख्या में डॉक्टर व कर्मियों को उपलब्ध कराने से आम जनता को काफी लाभ मिलेगा। लेकिन संवेदक द्वारा गुणवत्ताहीन निर्माण कार्य किया जा रहा है, जिससे ज्यादा समय तक जनता उक्त भवन का उपयोग नहीं कर पाएगी।