नीमडीह : महापुरुषों की विरासत को संजोए रखना हम सभी का दायित्व : सुखराम हेम्ब्रम
चांडिल। देश की आजादी से लेकर अलग झारखंड राज्य की लड़ाई तक अनगिनत महापुरुषों ने अपने प्राणों की आहुति दी है। हमारे महापुरुषों ने अपने लोगों की आजादी, स्वाभिमान और हक – अधिकार की लड़ाई लड़ी थी। बिरसा मुंडा जैसे अनेकों वीर लड़ाकू योद्धाओं ने अपने लिए नहीं, बल्कि अपने लोगों के लिए लड़ाई लड़ते हुए प्राणों की आहुति दी है, यही उनकी विरासत है। इस विरासत को संजोए रखना हम सभी का दायित्व है। उक्त बातें झामुमो के वरिष्ठ नेता एवं स्वच्छ चांडिल स्वस्थ चांडिल के संस्थापक सुखराम हेम्ब्रम ने कहा। उन्होंने कहा कि आज यदि आदिवासियों का अस्तित्व और सम्मान बचा है तो बिरसा मुंडा, जैसे योद्धाओं के संघर्ष और त्याग का परिणाम है। उन्होंने कहा कि हमारे आदिवासी समाज के ऊपर अंग्रेजों द्वारा दमनकारी नीति अपनाकर आदिवासियों का शोषण व अत्याचार किया जा रहा था, ऐसे समय में 25 वर्ष की आयु में बिरसा मुंडा ने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़कर इतिहास रचने का काम किए हैं। उस इतिहास को जीवंत रखने के लिए हम सभी को एकजुट होकर काम करने की जरूरत है। सुखराम हेम्ब्रम ने कहा कि भारत की आजादी में आदिवासी समाज का महत्वपूर्ण योगदान रहा, जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में फिर एक बार आदिवासियों के ऊपर संकट आने के संकेत मिल रहा है। संविधान और सीएनटी एसपीटी एक्ट आदिवासियों की सुरक्षा कवच है, उसपर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं। इस परिस्थिति में समस्त आदिवासियों को एक मंच पर आकर तानाशाही ताकतों के खिलाफ लड़ाई लड़ने की जरूरत है।
बता दें कि धरती आबा बिरसा मुंडा के 124वीं शहादत दिवस के अवसर पर क्षेत्र के विभिन्न स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसके तहत नीमडीह के मातकमडीह मोड़ पर बिरसा उलगुलान समिति द्वारा भव्य आयोजन किया गया। मातकमडीह मोड़ स्थित बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर विभिन्न राजनीतिक एवं सामाजिक संगठनों के नेताओं व कार्यकर्ताओं ने श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर बिरसा मुंडा अमर रहें, वीर बिरसा अमर रहें, जय झारखंड इत्यादि के नारे लगाए गए। इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम सह विशाल जनसभा का आयोजन किया गया था। यहां झामुमो के वरिष्ठ नेता सह स्वच्छ चांडिल स्वस्थ चांडिल के संस्थापक सुखराम हेम्ब्रम बतौर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। जनसभा को सुखराम हेम्ब्रम के साथ साथ श्यामल मार्डी, दुलाल सिंह, गुहिराम सिंह, अरुण सिंह, सूर्य नारायण सिंह, विष्णु दास महतो, हरेकृष्ण सिंह, विश्वनाथ मंडल, तरुण प्रामाणिक, कमल सिंह, मदन सिंह मुंडा, डोमन बास्के, मंगल मांझी, बरुण सिंह, सुभाष सिंह, गुरुपद मार्डी, देबेन बेसरा आदि ने जनसभा को संबोधित करते हुए बिरसा मुंडा के जीवनकाल पर प्रकाश डाला। वहीं, इस बीच सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ, जिसमें कलाकारों ने बिरसा मुंडा जीवनकाल आधारित नृत्य का मंचन किया। इस मौके पर दिगंबर सिंह सरदार, भोला सिंह सरदार, फणीभूषन सिंह, अरुण सिंह, सुरेंद्र सिंह आदि मौजूद थे।