संविधान और लोकतंत्र खतरे में है, सभी वर्ग के लोग आगे बढ़कर करें ऐतिहासिक मतदान : सुखराम हेम्ब्रम
चांडिल । भारत का संविधान और लोकतंत्र खतरे में है। देश में महंगाई और बेरोजगारी चरम सीमा लांघ चुकी हैं। युवा, किसान, मजदूर, शोषित, वंचित वर्ग त्रस्त है। इसलिए सभी वर्ग को आगे बढ़कर ऐतिहासिक मतदान करने की जरूरत है। उक्त बातें झारखंड मुक्ति मोर्चा के वरिष्ठ नेता सह झारखंड आंदोलनकारी नेता सुखराम हेम्ब्रम ने कहा है। चांडिल स्थित अपने निजी कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए सुखराम हेम्ब्रम ने कहा कि लोकतंत्र के महापर्व लोकसभा चुनाव में देश के सभी नागरिक अवश्य मतदान करें। राष्ट्र के नवनिर्माण के लिए सभी लोग अपने मताधिकार का उपयोग करें। उन्होंने कहा कि देश के बढ़ी महंगाई और बेरोजगारी पर आत्म चिंतन करने के बाद ही मतदान करें, क्योंकि आपके एक मत से देश की दिशा दशा तय होती हैं। आने वाली पीढ़ियों के शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा के लिए मतदान करें। साथ ही यह भी ध्यान में रहे कि देश का संविधान और लोकतंत्र सुरक्षित रहे। सुखराम हेम्ब्रम ने कहा कि विगत दस साल से देश में तानाशाही शासन स्थापित है, जिसे जड़ से उखाड़ फेंकने का सही समय आया है। यह मताधिकार से ही संभव है। उन्होंने कहा कि बिना किसी कारण व सबूत के ईडी, सीबीआई, आईटी जैसे संवैधानिक संस्थाओं का का दरुपयोग करके विपक्ष पर हमला किया जा रहा है। भविष्य में इसका परिणाम काफी घातक सिद्ध हो सकता है। ऐसे कारनामों से देश के विकास में बाधा उत्पन्न हो रही हैं।
सुखराम हेम्ब्रम ने कहा है कि चुनाव आयोग का जो रिपोर्ट आया है वह आश्चर्यजनक है। मतदान के दिन मतदान का जो वास्तविक प्रतिशत सामने आया है उसके विपरीत अगले दिन अन्य प्रतिशत दर्शाया जा रहा है। इसके बाद एक अंतिम रिपोर्ट सार्वजनिक किया गया है। इन तथ्यों से अब तो देश की जनता को भी चुनाव में गड़बड़ी की आशंका होने लगी हैं। उन्होंने कहा कि देश के बुद्धिजीवियों ने इस मामले को न्यायालय में ले गए हैं, न्यायालय इसे संज्ञान में अंतिम रिपोर्ट में एक करोड़ सात लाख मत बढ़ाकर दिखाया गया है। जनता का विश्वास न्याय प्रणाली पर बना रहें, इसपर पहल करने की जरूरत है। मौके पर कृष्णदास महतो, हाड़ीराम सोरेन, भास्कर टुडू आदि उपस्थित थे।