चांडिल : गौरी घाट पर फिर खनन विभाग ने की छापेमारी
चांडिल। सरायकेला – खरसावां जिले के कपाली ओपी अंतर्गत सुवर्णरेखा नदी के गौरी घाट पर मंगलवार को फिर एक बार जिला खनन विभाग ने छापेमारी की। अवैध बालू खनन की सूचना पर जिला खनन पदाधिकारी ज्योति शंकर सथपति के नेतृत्व में यह छापेमारी की गई। हालांकि, छापेमारी की भनक लगते ही बालू खनन कर रहे लोग और ट्रैक्टर मौके से फरार हो गया। बताया जाता है कि गौरी घाट में नदी के गहरे पानी से मजदूरों द्वारा बालू उठाव किया जाता है और ट्रैक्टर से उसका परिवहन किया जाता है। पानी के अंदर से बालू उठाव के लिए ड्रम और बांस से बने प्लेटफॉर्म का उपयोग किया जाता हैं। सुवर्णरेखा नदी में कुछ ऐसे ही प्लेटफॉर्म मंगलवार को छापेमारी के दौरान जिला खनन पदाधिकारी की टीम हाथ लगी, जिन्हें नष्ट कर दिया गया, ताकि बालू खनन के लिए पुनः उन प्लेटफॉर्म का उपयोग नहीं हो सके।
जिला खनन पदाधिकारी ज्योति शंकर सथपति ने कहा कि जिले में किसी भी प्रकार का अवैध खनन कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि गुप्त सूचना मिलने पर लगातार छापेमारी की जा रही हैं और अवैध खनन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही हैं।
बता दें कि जिला खनन पदाधिकारी ज्योति शंकर सथपति के नेतृत्व में लगातार अवैध बालू खनन के विरुद्ध कार्रवाई की जा रही हैं, इसके बावजूद बालू का अवैध खनन और परिवहन थमने का नाम नहीं ले रहा है। हाल ही में तिरुलडीह तथा ईचागढ़ थाना क्षेत्र में अवैध बालू खनन के खिलाफ कार्रवाई हुई हैं, जहां कई लाख सीएफटी बालू को सीज किया गया है। वहीं, तीन ट्रैक्टर भी जप्त किए गए थे और अज्ञात लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया है।
रात 12 बजे से होता है अवैध बालू लोड हाइवा का परिवहन
चांडिल अनुमंडल के ईचागढ़ तथा तिरुलडीह से अवैध बालू खनन और उसका परिवहन बदस्तूर जारी है। जिला खनन विभाग और चांडिल अनुमंडल प्रशासन के लाख कोशिशों के बावजूद अवैध बालू खनन का कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा है। या फिर जिनके हाथों कार्रवाई की जिम्मेदारी है, उनमें ही कुछ कमी है? कहना मुश्किल है। ईचागढ़ तथा तिरुलडीह थाना क्षेत्र के विभिन्न घाटों से अवैध रूप से बालू खनन बेधड़क चल रही हैं, जिन्हें रात को हाइवा में लोड करके बाहर भेजा जाता है। रात 12 बजे के बाद बालू हाइवा ईचागढ़ और तिरुलडीह से निकलकर विभिन्न मार्गों से होकर जमशेदपुर, आदित्यपुर, गम्हरिया, बलरामपुर (प० बंगाल) आदि जगहों तक ले जाया जा रहा है।