चांडिल : नौका विहार में मनाई गई अंबेडकर जयंती – संविधान से मिले अधिकार के कारण ही देश के सर्वोच्च पद पर विराजमान हैं एक आदिवासी महिला : नारायण गोप
चांडिल। चांडिल डैम नौका विहार में चांडिल बांध विस्थापित मत्स्यजीवी स्वावलंबी सहकारी समिति द्वारा भीमराव अंबेडकर जयंती मनाई गई। इस अवसर पर समिति के सदस्यों ने भीमराव अंबेडकर के चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित की। वहीं, भीमराव अंबेडकर अमर रहें के नारे लगाए। मौके पर समिति के अध्यक्ष नारायण गोप ने कहा कि संविधान निर्माता बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने देश के आदिवासी, दलित, पिछड़ी, शोषित, गरीब, वंचित लोगों के उत्थान के लिए अधिकार दिए हैं। आज यदि आदिवासी, दलित, पिछड़ी, गरीब, किसान, मजदूर के बच्चे भी शिक्षित हो रहे हैं और नौकरी कर रहे हैं तो इसका श्रेय केवल भीमराव अंबेडकर को मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि संविधान स्व मिले अधिकार के कारण ही आज के समय में देश के सर्वोच्च पद पर एक आदिवासी समाज की महिला विराजमान हैं। यदि देश में संविधान नहीं होता और उसमें समानता का अधिकार उल्लेख नहीं होता तो शायद आज कॉरपोरेट घरानों और सामंतवादी सोच रखने वाले लोग देश पर कब्जा कर चुके होते। नारायण गोप ने कहा कि जब जब देश के लोकतंत्र पर हमला हुआ है या लोकतंत्र को खत्म करने का प्रयास किया गया है। तब केवल संविधान से मिले अधिकारों का उपयोग करके ही लोकतंत्र की रक्षा हुई हैं। उन्होंने कहा कि देश के संविधान में समानता का अधिकार देकर अंबेडकर ने वंचित वर्ग को आगे बढ़ने का अवसर प्रदान किया है, इस अवसर का लाभ सभी को उठाना चाहिए।