नीमडीह : दिशोम जाहेर थान में मनाया गया राष्ट्रीय सरहुल महोत्सव, आदिवासी भूमिज – मुंडा समाज के युवाओं ने लिया शिक्षा और खेलकूद में आगे बढ़ने का संकल्प, आजसू नेता हरेलाल महतो ने की शिरकत
चांडिल। नीमडीह प्रखंड के टेंगाडीह पंचायत अंतर्गत मातकमडीह स्थित दिशोम जाहेर थान पर आज राष्ट्रीय सरहुल महोत्सव मनाया गया। आंचलिक सरहुल महोत्सव समिति द्वारा आयोजित कार्यक्रम में सबसे पहले पाहन (पुजारी) शांति प्रसाद सिंह द्वारा जाहेर थान पर स्थित सखुआ पेड़, महुआ पेड़ तथा बुरु की पूजा अर्चना की गई। इसके बाद पाहन द्वारा श्रद्धालुओं के बीच सखुआ फूल का वितरण किया गया, जिन्हें पुरुषों ने अपने कानों पर तथा महिलाओं ने अपने जुड़ा में लगाया। वहीं, पाहन द्वारा लोगों के बीच प्रसाद वितरण किया गया।
पूजा अर्चना संपन्न होने के पश्चात स्थानीय सरहुल नृत्य दल द्वारा सरहुल पांता नृत्य की प्रस्तुति दी गई। नृत्य दल के साथ साथ आयोजन समिति के सदस्यों एवं अन्य लोगों ने भी नृत्य किया। सरहुल गीतों के साथ मांदर व नगाड़े की धुन पर सभी लोग एक साथ नृत्य किया, जो आकर्षक का केंद्र बना हुआ था।
यहां सरहुल महोत्सव के मौके पर सबसे महत्वपूर्ण एवं सकारात्मक विचार सामने आया है। यह विचार आदिवासी भूमिज मुंडा समाज के लिए बहुत ही सुखद समाचार है। बताया गया कि सरहुल महोत्सव पर जुटे युवाओं ने अपने समाज की नई पीढ़ी के कल्याण तथा समाज को आगे बढ़ाने पर विचार किया। समाज के युवाओं ने शिक्षा तथा खेलकूद पर जोर देने का संकल्प लिया। शिक्षित बनकर नौकरी, व्यवसाय करने तथा खेलकूद प्रतिभा से आगे बढ़ने पर जोर दिया गया। वहीं, समाज के युवाओं को नशे से दूर रहने का अपील किया गया।
इस मौके पर आजसू पार्टी के केंद्रीय महासचिव हरेलाल महतो ने सरहुल पूजा में शिरकत की। उन्होंने जाहेर थान के पूजा स्थल पर माथा टेका और आशीर्वाद प्राप्त किया। उन्होंने जाहेर थान पर प्रकृति से क्षेत्र वासियों के सुख शांति और उन्नति की कामना की। वहीं, हरेलाल महतो ने भूमिज – मुंडा समाज के युवाओं के साथ ताल मिलाकर पारंपरिक नृत्य किया तथा नगाड़ा बजाकर लोगों का उत्साहवर्धन किया।
इस दौरान हरेलाल महतो ने कहा कि प्रकृति की रक्षा और प्रकृति की पूजा से ही मानव जीवन का विकास संभव है। प्रकृति हमें सभी चीजें उपलब्ध कराती हैं जो हमें जरूरत होती हैं। इसलिए हमें प्रकृति की रक्षा करनी होगी। जब तक हमारे बीच प्राकृतिक सौंदर्य बना रहेगा, पेड़ – पौधे, जंगल, नदी सुरक्षित रहेंगे, तब तक मानव जाति का अस्तित्व बना रहेगा। जिस दिन संपूर्ण रूप से प्रकृति नष्ट हो जाएगा, उसी दिन मानव जाति का अस्तित्व भी खत्म हो जाएगा। हरेलाल महतो ने कहा कि उन्हें काफी अच्छा लगा कि सरहुल के मौके पर मातकमडीह में युवाओं ने शिक्षा और खेलकूद में अपना भविष्य उज्जवल करने का संकल्प लिया है। इसके लिए उन्होंने हर संभव सहयोग करने का वादा किया।
इस मौके पर अखिल भारतीय आदिवासी कल्याण समिति के अध्यक्ष जयराम सिंह, जयदेव सिंह, करमू सिंह, अंगद सिंह, उप मुखिया फनी भूषण सिंह, दिगंबर सिंह, अरुण सिंह, राधा गोबिंद सिंह, दलगोबिंद सिंह, दुलाल सिंह, शंकरी सिंह, हरमोहन सिंह, मंगल सिंह, गोम्हा मार्डी, सत्यवान माहली, मिथुन पांडेय, भीम सिंह, हरिपद सिंह, मकर सिंह आदि मौजूद थे।