चांडिल : एसडीओ की कार्रवाई का असर, तीन दिन से अवैध बालू खनन बंद – क्या स्थायी रूप से बंद हुआ अवैध बालू का खनन और परिवहन? कारोबारी बना रहे नई रणनीति
चांडिल। अनुमंडल पदाधिकारी शुभ्रा रानी द्वारा चांडिल अनुमंडल क्षेत्र अंतर्गत विभिन्न थाना क्षेत्रों में अवैध बालू खनन समेत तमाम अवैध कारोबार के खिलाफ लगातार की जा रही कार्रवाई का असर देखने को मिल रही हैं। पिछले दिनों अवैध रूप से बालू व गिट्टी परिवहन कर रहे तीन हाइवा को एसडीओ शुभ्रा रानी ने पकड़कर अवैध कारोबारियों को चेतावनी देने का काम किया है। वहीं, गत बुधवार रात को ईचागढ़ तथा तिरुलडीह थाना क्षेत्र में अवैध बालू खनन तथा परिवहन के खिलाफ छापेमारी की थी। इस दौरान ईचागढ़ के गौरांगकोचा में दो स्थान पर अवैध रूप भंडारण किया हुआ बालू को जप्त किया गया है। यहां करीब दो लाख 32 हजार सीएफटी बालू को जप्त किया गया था। वहीं, गुरुवार शाम तथा शुक्रवार सुबह को भी एसडीओ शुभ्रा रानी के नेतृत्व में चांडिल क्षेत्र में अवैध पत्थर खनन के विरुद्ध छापेमारी की गई।
एसडीओ द्वारा अवैध कारोबार पर किए जा रहे प्रहार का असर देखने को मिल रही हैं। गत बुधवार रात को ईचागढ़ तथा तिरुलडीह थाना क्षेत्र में छापेमारी करने के बाद बालू खनन और परिवहन बंद हो गया है। हालांकि, ट्रैक्टर से अवैध रूप से बालू का परिवहन जारी है लेकिन तीन दिन से हाइवा के माध्यम से परिवहन नहीं हो रहा है। वैध चालान के साथ गिने चुने चंद हाइवा बालू परिवहन कर रहे हैं।
लेकिन यहां सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण सवाल यही है कि क्या स्थायी रूप से अवैध खनन बंद हुआ है? क्या इसके बाद अवैध बालू खनन और परिवहन नहीं होगा? शायद यह संभव नहीं है कि स्थायी रूप से यह अवैध गोरखधंधा बंद हो जाए। यह भी माना जा सकता है कि प्रशासनिक अधिकारियों के बस की बात नहीं है कि वह स्थायी रूप से अवैध कारोबार पर लगाम लगाने में सफल हो।
क्षेत्र के बालू कारोबारी लगातार इस कोशिश में है कि फिर से उनका कारोबार शुरू हो और धड़ल्ले से दिन – रात बालू का खनन और परिवहन कर सके। कारोबारी नई रणनीति के तहत बालू खनन करने की तैयारी में जुटे हैं। बालू कारोबारी ईचागढ़, तिरुलडीह, चौका आदि क्षेत्र में गुपचुप तरीके से बैठकें कर रहे हैं, जनप्रतिनिधियों और नेताओं के माध्यम से अधिकारियों को मनाने की कोशिश में हैं। सूत्रों की मानें तो कारोबारियों ने अधिकारियों को चढ़ावा देने की तैयारी कर रखी है। पर, अधिकारी फिलहाल उनकी बात सुनने को तैयार नहीं है। विभिन्न माध्यमों से अधिकारियों तक संदेश भेजने का प्रयास किया जा रहा है लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिल रही हैं।
इस सीजन में बालू की मांग और खपत काफी ज्यादा है, ऐसे में कारोबारियों को एक – एक मिनट महंगा लग रहा है। वह एक एक मिनट का नफा नुकसान का हिसाब लगा रहे हैं। कतिपय पत्रकार, संबंधित विभागों और अलग अलग क्षेत्र में चढ़ावा देने के बाद भी कारोबारियों को अच्छी कमाई होती हैं। अवैध बालू कारोबार में संलिप्त लोग सत्ता और विपक्ष दोनों खेमे से हैं, इसलिए यहां अवैध बालू का कारोबार कभी भी राजनीतिक मुद्दा नहीं बनता है। पक्ष और विपक्ष दोनों खेमे के लोग मिलकर सरकार के राजस्व को क्षति पहुंचाने का काम कर रहे हैं। यह और बात है कि राज्य स्तर पर सत्ता पक्ष के खिलाफ मुखर होकर विपक्ष अवैध कारोबार के खिलाफ आवाज उठाते हैं लेकिन प्रखंड स्तर पर सबकी मिलीभगत से अवैध कारोबार का धंधा फलफूल रहा है।