पूर्व विधायक अरविंद कुमार सिंह आखिर रांची लोकसभा में किस प्रत्याशी के लिए कर रहे फील्डिंग? भाजपा में शामिल होने के बाद भी कार्यक्रमों से बनाई है दूरी – ईडी की कार्रवाई शुरू होने के बाद थामा भाजपा का दामन लेकिन माने जाते हैं सुबोधकांत सहाय और झामुमो नेताओं के करीबी
लोकसभा चुनाव में जीत दिलाने या किसी प्रत्याशी को हराने में विधानसभा स्तर के नेता भी अहम भूमिका निभाते हैं। लेकिन, ऐसा भी देखा गया है कि नेता अपने दल के विरोधी प्रत्याशी को भी पर्दे के पीछे से मदद करते हैं। इसके पीछे पुराने संबंध को बीच में लाया जाता है।
बहरहाल, रांची लोकसभा में भाजपा ने दूसरी बार सांसद संजय सेठ को टिकट देकर अपना प्रत्याशी घोषित किया है। प्रत्याशी घोषित होने के बाद सांसद सेठ रांची लोकसभा में लागतार कार्यक्रम कर रहे हैं, जनसंपर्क अभियान चला रहे हैं। पिछले दिनों सांसद संजय सेठ ने चांडिल में ईचागढ़ विधानसभा स्तरीय कार्यकर्ताओं के साथ चुनाव को लेकर बैठक की। वहीं, चुनावी रणनीति पर चर्चा की। पर, ईचागढ़ के पूर्व विधायक अरविंद कुमार सिंह उर्फ मलखान सिंह ने भाजपा के कार्यक्रमों से दूरी बनाकर रखा है, इसका कारण क्या हो सकता है? पिछले दिनों चांडिल में आयोजित भाजपा की बैठक में वह शामिल नहीं थे। इसके चलते क्षेत्र में तरह तरह की चर्चाएं हो रही हैं।
ऐसा नहीं है कि वह क्षेत्र में आते नहीं है। ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र में गुपचुप तरीके से लोगों से मुलाकात कर रहे हैं। वहीं, अपने समर्थकों के साथ लोकसभा चुनाव के लिए चर्चा भी कर रहे हैं लेकिन इसकी भनक भाजपा के कोर कार्यकर्ताओं को नहीं है। आखिर वह किस प्रत्याशी के लिए फील्डिंग कर रहे हैं?
सुबोधकांत सहाय रांची लोकसभा के सांसद रह चुके हैं और इस चुनाव में कांग्रेस के संभावित उम्मीदवार हैं। माना जाता है कि पूर्व विधायक अरविंद कुमार सिंह के संबंध कांग्रेस नेता एवं पूर्व मंत्री सुबोधकांत सहाय तथा झामुमो के कई नेताओं के साथ अच्छे संबंध हैं। चुनावों में एक दूसरे को अप्रत्यक्ष रूप से मदद भी करते हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में अरविंद कुमार सिंह ने कांग्रेस प्रत्याशी सुबोधकांत सहाय के लिए जमकर प्रचार किया था। सुबोधकांत सहाय के साथ गहरे संबंध को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं कि शायद अरविंद कुमार सिंह खुलकर भाजपा प्रत्याशी संजय सेठ का प्रचार करने में असहज महसूस कर रहे हैं। खैर यह आने वाले समय में स्पष्ट हो जाएगा कि आखिर अरविंद सिंह के दिल में आज भी सुबोधकांत सहाय हैं या भाजपा के लिए हृदय परिवर्तन हुआ है?
बता दें कि हाल ही में अरविंद कुमार सिंह ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की है। भाजपा संगठन को विश्वास और उम्मीद जगी थी कि अरविंद सिंह के पार्टी में आने से मजबूती मिलेगी। लेकिन, जिस उम्मीद से भाजपा ने उन्हें सदस्यता दिलाई थी, शायद पार्टी के उस उम्मीद पर अरविंद सिंह खरा उतरने में विफल हो चुके हैं।
ईडी की कार्रवाई के बाद थामा भाजपा का दामन
पिछले दिनों ईचागढ़ के पूर्व विधायक अरविंद कुमार सिंह उर्फ मलखान सिंह ने भाजपा का दामन थामा है। भाजपा में शामिल होने के पीछे उनके विरुद्ध ईडी की कार्रवाई बताया जाता है। इस आलोक में प्रतिष्ठित समाचार पत्रों ने प्रमुखता से खबर प्रकाशित किया था। बता दें कि पिछले साल जुलाई माह में ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने अरविंद कुमार सिंह से जुड़े नवनिर्माण बिल्डर्स के 0.19 एकड़ जमीन को सील किया था। ईडी ने आदित्यपुर – कांड्रा रोड़ स्थित नवनिर्माण बिल्डर्स के मिक्सचर प्लांट की जमीन को सील करके नोटिस चस्पा दिया था। इसके बाद से ही अरविंद कुमार सिंह भाजपा में जाने के लिए व्याकुल थे। इस साल जब जनवरी माह में ईडी ने पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से लगातार पूछताछ शुरू की तो इधर अरविंद सिंह भी भाजपा में शामिल होने के लिए रेस हो गए थे। वहीं, जब ईडी ने पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर जेल भेज दी, तब अरविंद सिंह भाजपा में शामिल हो गए।