धनबाद : बीसीसीएल की नौकरी छोड़कर राजनीति में रखा कदम, कोयलांचल के दबंग नेता के रूप में जाने जाते हैं ढुल्लू महतो – तीन बार विधायक रहे अब सांसद का लड़ेंगे चुनाव
धनबाद। बाघमारा विधायक ढुल्लू महतो कोयलंचल के युवाओं के बीच चहेते और राज्य में एक दबंग नेता के रूप में जाने जाते हैं। इस समय झारखंड की राजनीति में ढुल्लू महतो को लेकर खूब चर्चा चल रही हैं। कोयलंचल क्षेत्र में गरीबों की आवाज के नाम से जाने वाले ढुल्लू महतो अब लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। भाजपा ने उन्हें धनबाद लोकसभा सीट से अपना उम्मीदवार घोषित किया है। हालांकि, ढुल्लू महतो जिस बाघमारा विधानसभा से विधायक हैं, वह विधानसभा क्षेत्र गिरिडीह लोकसभा क्षेत्र में आता है। परंतु, विधायक ढुल्लू महतो गिरिडीह लोकसभा के साथ साथ धनबाद लोकसभा क्षेत्र समेत पूरे कोयलंचल क्षेत्र में एक लोकप्रिय नेता माने जाते हैं। इसलिए भाजपा ने उन्हें धनबाद सीट से अपना प्रत्याशी घोषित किया है।
भाजपा ने इस बार उम्र दराज पशुपति नाथ सिंह पर भरोसा नहीं जताया। वर्तमान सांसद पीएन सिंह (पशुपति नाथ सिंह) के टिकट कटने की अटकलें काफी पहले से लगाई जा रही थी और अंततः वही हुआ। धनबाद लोकसभा सीट से ढुल्लू महतो को प्रत्याशी घोषित किए जाने तक राजनीतिक गलियारों में अनिश्चितता बनी हुई थी। यहां ढुल्लू महतो को टिकट देना काफी रोचक है। धनबाद सीट को लेकर तरह तरह के कयास लगाए जा रहे थे। कभी परिंदा सिंह का नाम उठा, तो कभी राज सिन्हा। वहीं, कांग्रेस की झरिया विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह का भी नाम उछला कि वो पार्टी बदलेंगी और भाजपा से लड़ेंगी। लेकिन सब जोड़ तोड़, गुना भाग धराशाई हो गया और अंततः ढुल्लू ने बाजी मार ली।
जानिए ढुल्लू महतो का जीवन परिचय
बाघमारा विधायक ढुल्लू महतो मूल रूप से टुंडू पंचायत के चिटाही ग्राम के रहने वाले हैं। उनके पिता बीसीसीएल में कर्मचारी थे।बीसीसीएल द्वारा जमीन अधिग्रहण के बदले में ढुल्लू महतो को भी नौकरी मिली थी लेकिन राजनीति में दिलचस्पी रखने वाले ढुल्लू महतो ने कम समय में ही नौकरी को त्याग कर दिया और सक्रिय राजनीति में कूद पड़े। समरेश सिंह को ढुल्लू महतो का राजनीतिक गुरु माना जाता है। कहा जाता है कि समरेश सिंह से काफी कुछ सीखा है। पूर्व मंत्री और विधायक समरेश सिंह के साथ ढुल्लू महतो झारखंड वनाचल कांग्रेस से जुड़े, फिर बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व वाली जेवीएम पार्टी से भी जुड़े। जेवीएम के टिकट पर ही पहली बार 2009 में बाघमारा विधानसभा से जीते। बाद में मरांडी की पार्टी छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया और फिर 2014 तथा 2019 के चुनाव में भी जीत हासिल की। 2014 तथा 2019 की जीत काफी नजदीकी मुकाबले में रही।
ढुल्लू महतो राजनीति के साथ साथ खेलकूद के कार्यक्रमों में बेहद सक्रिय रहते हैं। खेलकूद से काफी लगाव रखते हैं। उन्होंने बबारवीं तक की पढ़ाई की है। हलफनामे के अनुसार 2014 में ढुल्लू महतो के ऊपर 10 मामले दर्ज थे। जबकि 2019 में घटकर चार मामले हो गए हैं। 2014 में उनके पास करीब 1 करोड़ से कुछ ज्यादा संपति थी, जो 2019 में बढ़कर 3 करोड़ के आसपास पहुंची है।
पूजा – पाठ और धार्मिक अनुष्ठान से है बड़ा लगाव
ढुल्लू महतो को पूजा पाठ से भी काफी लगाव है और वो लगातार भारत के विभिन्न पूजा स्थलों के दौरे करते भी नजर आते हैं। उन्होंने अपने पैतृक गांव चिटाही धाम में ही भव्य श्रीराम मंदिर का निर्माण करवाया है, जो एक सांस्कृतिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित हुआ है। हर दिन यहां हजारों की संख्या में लोग दर्शन करने आते हैं।
बाघमारा विधानसभा क्षेत्र के विकास कार्यों की बात करें तो दर्जनों मंदिर के अलावा कई नई सड़कों का निर्माण, ट्रेनों का ठहराव, जन समस्याओं के समाधान को प्राथमिकता देते हैं। हाल में एक स्टेडियम के निर्माण के लिए उन्होंने राज्य सरकार से डिमांड की थी, जिसकी स्वीकृति मिल चुकी है। ढुल्लू महतो क्षेत्र के जनता को निःशुल्क पानी टैंकर, श्राद्धकर्म एवं शादी ब्याह में राशन, अंत्योष्टि के लिए निशुल्क वाहन समेत अन्य सामाजिक कार्यों में कई तरह की सुविधाएं मुहैया कराते हैं। ढुल्लू महतो यह सबकुछ एक विधायक रहकर अपने विधानसभा क्षेत्र में कार्य करते हैं। विशेष परिस्थितियों में दूसरे विधानसभा क्षेत्र के लोगों को भी सहयोग करते हैं लेकिन यहां सवाल यह है कि क्या ढुल्लू महतो के लिए धनबाद लोकसभा सीट से जीत हासिल करना आसान होगा? अबतक के चुनावी गणित पर गौर करें तो धनबाद सीट पर सवर्णों का वर्चस्व रहा है। ऐसे में क्या ढुल्लू महतो मतदाताओं को अपने पाले में लाने में सफल होंगे?