चांडिल : प्राचीन हारुडीह मेला में उमड़ी भीड़, झूमर संगीत ने दर्शकों का मन मोह लिया
चांडिल। प्रखंड के हारुडीह में इन दिनों ऐतिहासिक मेला चल रहा है। पांच दिवसीय प्राचीन मेला का शुभारंभ बीते शुक्रवार से हुआ है। रविवार को मेला का तीसरा दिन था, जहां पश्चिम बंगाल, झाड़ग्राम के समीर महतो एंड टीम द्वारा झूमर संगीत की प्रस्तुति दी गई। उपस्थित दर्शकों को झूमर गायक – गायिकाओं ने अपने गीतों से खूब रिझाया। देर शाम तक चली इस सांस्कृतिक कार्यक्रम ने दर्शकों का मन मोह लिया। वहीं, देर रात से सांस्कृतिक मानभूम शैली छौ नृत्य का आयोजन हुआ। यहां पश्चिम बंगाल, बाघमुंडी के उस्ताद कार्तिक सिंह मुंडा एवं वामनिया के उस्ताद विनाधर कुमार के छौ नृत्य दल ने भाग लिया। दोनों ही दल ने अपने नृत्य में शानदार प्रदर्शन किया।
19 व 20 को भी झूमर संगीत, छौ नृत्य का आयोजन
सार्वजनिक सरस्वती पूजा कमिटी हारुडीह – धातकीडीह द्वारा आयोजित प्राचीन मेला में आगामी दो दिन तक कार्यक्रम आयोजित किया गया है। 19 फरवरी को दोपहर दो बजे से पश्चिम बंगाल, झाड़ग्राम के प्रख्यात झूमर टीम वनलता झूमर अखाड़ा द्वारा प्रस्तुति दी जाएगी। वहीं, 20 फरवरी को भी दोपहर दो बजे से झाड़ग्राम के विख्यात गायक सुरजीत एवं शिल्पी दीपिका एंड टीम द्वारा झूमर संगीत प्रस्तुति दी जाएगी। इसके अलावा रात्रि में मानभूम शैली छौ नृत्य का आयोजन किया गया है। मंगलवार रात को पश्चिम बंगाल के उस्ताद विकास महतो एवं दारा सिंह कुम्हार के छौ नृत्य दल द्वारा प्रस्तुति दी जाएगी।
मेला कमिटी के सचिव लक्ष्मीकांत महतो ने कहा कि यह मेला 1911 से चली आ रही हैं। हमारे पूर्वजों ने अपने संस्कृति के संरक्षण के उद्देश्य से इस मेला को लगाया था। वर्तमान समय में यह मेला पूरे झारखंड में प्रसिद्धि प्राप्त कर चुकी हैं। उन्होंने कहा कि यहां प्रत्येक वर्ष आयोजित मेले में सभी दिन सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन होता है। हारुडीह – धातकीडीह के सभी ग्रामीणों के सहयोग यह मेला लगता है।