चांडिल : चिलगु में बड़े चाव से कथा श्रवण कर रहे श्रद्धालु – शनिवार को वामन व नृसिंह अवतार की हुई कथा, कारागार में श्रीकृष्ण जन्म की निकली झांकी
चांडिल। प्रखंड के चिलगु में आयोजित सप्ताहव्यापी सनातन धर्म सम्मेलन के तहत प्रतिदिन श्रीमद्भागवत कथा प्रवचन चल रही हैं। जहां शनिवार को कथा का चौथा दिन था। शनिवार शाम से रात तक चली कथा में वामन अवतार तथा नृसिंह अवतार के प्रवचन सुनने बड़ी संख्या श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। यहां पश्चिम बंगाल के नवद्वीप – नदिया से आए हुए कथावाचक गिरिधारी शास्त्री महाराज द्वारा श्रीमद्भागवत कथा का संपूर्ण कथा प्रवचन किया जा रहा है। इसी कड़ी में शनिवार को वामन अवतार तथा नृसिंह अवतार की कथा सुनाई गई। वहीं, झांकी निकाली गई। वामन अवतार तथा बासुदेव की आकर्षक झांकियों तथा भक्तिमय मधुर संगीत के बीच श्रद्धालुओं ने खूब जयकारे लगाए।
देर रात कारागार में श्रीकृष्ण जन्म की कथा सुनाई गई। वामन अवतार, नृसिंह अवतार तथा कारागार में श्रीकृष्ण जन्म की कथा सुन श्रद्धालुओं मंत्रमुग्ध हो गए। यहां कथावाचक गिरिधारी शास्त्री द्वारा बंगला भाषा में कथा प्रवचन सुनाई जा रही हैं। उन्होंने अपने कथा में कहा कि वामन देव को भगवान विष्णु का पांचवा अवतार माना जाता है। उन्होंने बताया कि त्रेतायुग में भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को माता अदिति और कश्यप ऋषि के घर जन्म लिया। भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को वामन जयंती मनाई जाती है। इसी दिन भगवान विष्णु ने धरती पर वामन अवतार में जन्म लिया था।
भगवान विष्णु अपने भक्त प्रहलाद को दैत्य हिरण्यकश्यप से बचाने के लिए नृसिंह रूप में प्रकट हुए। ये अवतार प्रदोष काल में हुआ था, इसलिए शाम को भगवान नृसिंह की विशेष पूजा होती है। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण का जन्म मथुरा के कारागार में वासुदेव की पत्नी देवकी के गर्भ से हुआ था। द्वापर युग में भाद्रपद कृष्ण अष्टमी तिथि की आधी रात को मथुरा के कारागार में वासुदेव की पत्नी देवकी के गर्भ से भगवान श्रीकृष्ण ने जन्म लिया था। श्रीकृष्ण ने बुधवार को रोहिणी नक्षत्र में जन्म लिया था। श्रीकृष्ण के जन्मदिन को हम सनातनी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के रूप में मानते हैं तथा श्रीकृष्ण की पूजा करते हैं।
श्रीमद्भागवत कथा का यहां देखें वीडियो