भाजपा झारखंड ने जारी किया राज्य के जिला अध्यक्ष व प्रभारी की सूची, सरायकेला से हटाए गए बिजय महतो – उदय सिंहदेव को फिर मिली जिला अध्यक्ष की कमान, देखें पूरी सूची
डेक्स। आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा झारखंड प्रदेश अध्यक्ष सह पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने सोमवार को राज्य भर के नए जिला अध्यक्षों एवं प्रभारी की सूची जारी कर दी है। इस सूची में सरायकेला -खरसावां जिला की कमान दूसरी बार उदय सिंहदेव के हाथों में सौंप दी गई है, जबकि जिला प्रभारी के रूप में सुबोध कुमार सिंह उर्फ़ “गुड्डू” को नियुक्त किया गया है। बता दें कि निवर्तमान जिलाध्यक्ष बिजय महतो को टीम बाबूलाल ने कई कारणों से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। इसमें ईचागढ़ विधानसभा की गुटबाजी, संगठन के प्रति जिलाध्यक्ष की सुस्ती, तथा पक्षपात का हवाला दिया जा रहा है।
बात करें जमशेदपुर महानगर की तो यहां जिलाअध्यक्ष के रूप में सुधांशु ओझा को नियुक्त किया गया है। वहीं, जिला प्रभारी डॉ जीतू चरण राम को बनाया गया है। यहां ओड़िशा के राज्यपाल तथा झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के बेहद करीबी गुंजन कुमार को साइड कर दिया गया है।
पूर्वी सिंहभूम जिला का अध्यक्ष चंडी चरण साव को और प्रभारी बड़कुँवर गागराई को बनाया गया है। आदिवासी बहुल पश्चिम सिंहभूम का जिला अध्यक्ष संजू पांडे को और जिला प्रभारी की कमान मनोज कुमार महतो के हाथों सौंपी गई है। सूबे के जिलाध्यक्ष तथा प्रभारियों की सूची को प्रदेश महामंत्री आदित्य साहू ने हस्ताक्षर युक्त कर जारी किया है। झारखंड में होने वाले आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव को देखते हुए नए जिला अध्यक्ष प्रभारी की घोषणा की गई है। इस सूची को प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी की सहमति से जारी किया गया है। स्पष्ट है कि टीम मरांडी ने अपनी सहूलियत तथा सपने करीबियों को सम्मान देने की भी रणनीति बनाई थी, उसी अनुसार राज्य में जिला नेतृत्व की कमान सौंपी गई हैं।
झारखंड भाजपा को जीत के लिए गुटबाजी से निपटना बड़ी चुनौती
नव नियुक्त जिला अध्यक्ष उदय सिंह देव के लिए आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव में पार्टी को जीत दिलाना बड़ी चुनौती रहेगी। इससे पूर्व 2019 में लोकसभा चुनाव में बीजेपी को पश्चिम सिंहभूम सीट गवानी पड़ीं थी। जबकि खूंटी और रांची सीट पर जीत हासिल हुई। लेकिन विधानसभा चुनाव में भाजपा को कोल्हान में मुंह की खानी पड़ी थी। गौरतलब है कि वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव से पूर्व ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र तत्कालीन जिला अध्यक्ष रहे उदय सिंह देव की गतिविधि कम होने का खामियाजा पार्टी भुगत चुकी है। वहीं सरायकेला और खरसावां विधानसभा सीट भी गवाना पड़ा था। ऐसे में नवनियुक्त जिला अध्यक्ष के सामने कार्यकर्ताओं को समेटना बड़ी चुनौती रहेगी। वर्तमान समय में जिले के ईचागढ़ विधानसभा में भाजपा के भीतर गुटबाजी चरम पर है। कई गुटों में बंटी ईचागढ़ भाजपा को एकजुट करने में प्रदेश टीम के पसीने छूट रहे हैं। ऐसे में क्या नव नियुक्त जिलाध्यक्ष गुटबाजी को खत्म करने में सफल होंगे?,