चांडिल रेंज के कुकडू क्षेत्र के बाकारकुड़ी गांव में बीती रात को एक दंतैल हाथी घुस आया था। आज भौर को हाथी बाकारकुड़ी गाँव से निकलकर डेरे गांव की गया है। कल रात से अबतक हाथी घनी आबादी के आसपास विचरण कर रहा है, इसके कारण ग्रामीणों में भय का माहौल है। हालांकि, अधिकांश खेतों से धान की कटाई हो चुकी हैं। इसके चलते अब किसानों के फसल नष्ट नहीं होंगे। अब नाममात्र के खेतों में धान के फसल हैं। पर, खेतों से उठाकर ले जाए गए धान को खलिहानों में रखा गया है। अब उन खलिहानों तक हाथी के पहुंचने की संभावना बढ़ गई हैं। इससे जान – माल पर खतरा मंडरा रहा है। किसानों के खलिहान उनके घर के नजदीक ही होते हैं, ऐसे में यदि हाथी धान की तलाश में खलिहान तक पहुंचती हैं तो इंसानों के जान पर खतरा बना रहेगा। हाथी इंसानों पर भी हमला कर सकती हैं।
विगत कई वर्षों से चांडिल रेंज में हाथियों का प्रकोप बढ़ गया है। हाथियों पर नियंत्रण करने में वन विभाग की विफल है। हाथियों द्वारा लोगों की जान लेने के कारण अब लोग इस हद तक डरे हुए हैं कि गांव में हाथी घुस आने पर उसे भगाने को लोग नहीं निकलते हैं।